BA Semester-3 Sociology - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-3 समाजशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर समूह
लोगों की राय

बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-3 समाजशास्त्र

बीए सेमेस्टर-3 समाजशास्त्र

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2651
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

बीए सेमेस्टर-3 समाजशास्त्र

प्रश्न- सांस्कृतिक विलम्बना के सिद्धान्त की समीक्षा कीजिये।

सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. सांस्कृतिक विलम्बना के सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।

उत्तर -

सांस्कृतिक विलम्बना की अवधारणा का सर्वप्रथम प्रतिपादन आगबर्न ने 1922 में अपनी प्रसिद्ध पुस्तक 'सोशल चेंज' में किया। तभी से यह धारणा समाजशास्त्रियों में अति लोकप्रिय हो गई और कुछ समय के लिए ऐसा लगा कि सामाजिक परिवर्तन के रहस्य का पता लग गया है। किन्तु बाद में इसकी कटु आलोचना हुई और कुछ आलोचकों ने तो इसे कृत्रिम व काल्पनिक तक कहा। सच तो यह है कि सांस्कृतिक विलम्बना की धारणा में दोष है किन्तु इसमें सन्देह नहीं कि आगबर्न ने इसके द्वारा समाजशास्त्रीय चिन्तन को समृद्ध किया, इस धारणा से अति गतिशील समाजों की अनेक घटनाओं पर प्रकाश पड़ा।

आगबर्न संस्कृति व सभ्यता में अन्तर नहीं करता है वरन् मानता है कि जो कुछ समाज में मिलता है वह संस्कृति है, सामाजिक विरासत है। इसे दो भागों में विभाजित करता है (1) भौतिक संस्कृति (2) अभौतिक संस्कृति। भौतिक संस्कृति के उदाहरण हैं मकान, मशीन, फर्नीचर। अभौतिक संस्कृति के उदाहरण हैं प्रथा, परम्परा, धर्म व कलायें। संस्कृति के इन दोनों भागों में परस्पर सम्बन्ध मिलता है। अतः जब एक भाग में परिवर्तन होता है तो दूसरा भाग भी परिवर्तित होता है। आगबर्न के अनुसार परिवर्तन भौतिक पक्ष में पहले होता है और तेजी से होता है। अभौतिक संस्कृति में भी परिवर्तन होता है किन्तु बाद में और धीमी गति से। इस कारण भौतिक संस्कृति परिवर्तित हो आगे बढ़ जाती है किन्तु अभौतिक संस्कृति पिछड़ जाती है। इसी पिछड़ेपन को आगबर्न ने सांस्कृतिक विलम्बना कहा है।

आगबर्न ने सांस्कृतिक विलम्बना का अर्थ स्पष्ट करते हुये लिखा है- "संस्कृति के सह-सम्बन्धित भागों में असमान गति से परिवर्तन होने के कारण उनमें तनाव उत्पन्न हो जाता है। ऐसी स्थिति में मन्द गति से परिवर्तित हुए भाग को ही विलम्बना कहते हैं क्योंकि यह भाग दूसरे से पीछे रह जाता है।"

"The strain that exists between two correlated parts of culture that change at unequal rate of speed may be interpreted as lag in the part that is changing at the slowest rate for the one lags behind the other."

- Ogburn

जिसबर्ट ने सांस्कृतिक विलम्बना को स्पष्ट करते हुए कहा है: "सांस्कृतिक विलम्बना का सार यह है कि वह समाज के दो से अधिक उन भागों में मिलने वाला असामंजस्य है जो सम्बन्धित व साथ- साथ रहते हैं और विभिन्न मात्रा में असामंजस्य को जन्म देते हैं। इसका परिणाम संगठन में अव्यवस्था होती है। सांस्कृतिक विलम्बना का सिद्धान्त और अधिक स्पष्ट हो जाता है यदि कुछ उदाहरणों पर विचार किया जाय।' आगबर्न ने लिखा है कि मान लीजिये उद्योग और शिक्षा में घनिष्ठ सम्बन्ध है। दोनों ही संस्कृति के भाग हैं। यदि उद्योग में परिवर्तन तेजी से होता है और शिक्षा में परिवर्तन मन्द गति से होता है, तो पिछड़ाव उत्पन्न होता है। इस पिछड़ाव को ही सांस्कृतिक विलम्बना कहा जायेगा। जब तक यह पिछड़ाव चलेगा तब तक असामंजस्य की दशा मानी जायेगी। यदि इस असामंजस्य को अधिक समय तक चलने दिया तो यह समाज के अस्तित्व को वास्तविक चुनौती होगी।

पहले आगर्न ने यही कहा था कि प्रायः भौतिक से अभौतिक ही पिछड़ता है क्योंकि नई-नई खोजों व आविष्कारों का प्रभाव इसी भाग में पहले होता है किन्तु बाद में उसने यह स्वीकार कर लिया कि कभी-कभी अभौतिक से भौतिक भी पिछड़ सकता है। सच तो यह है कि पिछड़ाव अभौतिक व भौतिक पक्षों के अन्तर्गत भी हो जाता है। भारत में मिलने वाली विलम्बना के कुछ उदाहरणों से यह बात स्पष्ट हो जाती है। हमने मोटर, रेल, हवाई जहाज, अपना लिए किन्तु अब भी प्रथाओं व परम्पराओं में प्राचीनता व मध्ययुग की छाप है। यहाँ भौतिक से अभौतिक अंग पिछड़ा है। हम कई क्षेत्रों में आधुनिकतम आदर्श व सिद्धान्त * अपना रहे हैं किन्तु उससे सम्बन्धित भौतिक संस्कृति में आवश्यक परिवर्तन नहीं कर पा रहे हैं। जैसे समाजवाद व प्रजातंत्र का आदर्श तो अपना लिया किन्तु भौतिक क्षेत्र में असमानता पर आधारित बातों को मान रहे हैं। जाति से चिपके हुए हैं। अभौतिक संस्कृति के अंगों में पिछड़ाव श्रमिक कानूनों में मिलता है। हमने अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन के कानूनों को मान लिया है किन्तु उन्हीं के अनुसार देश के श्रमिक कानून नहीं बदले। देश में आने-जाने के द्रुतगामी साधन तो अपना लिये गए जैसे कार, बस एवं ठेला आदि किन्तु इनके लिये सड़कें चौड़ी नहीं की या इनके रखने के लिए गैरेज की व्यवस्था नहीं की गई। यह भौतिक क्षेत्र में ही विलम्बना हुई। जिसबर्ट ने विलम्बनाएं कई प्रकार की बताई हैं। इनमें प्रमुख हैं - * (1) सांस्कृतिक विलम्बना (नैतिकता, कला व दर्शन में), (2) सभ्यता की विलम्बना (टेक्नोलॉजी व अर्थ में). (3) सभ्यता व संस्कृति में विलम्बना (कानून व नैतिकता में), (4) अन्य विलम्बनाएँ। आगबर्न ने आलोचना के आधार पर कुछ संशोधन इस सिद्धान्त में 1957 में किये।

...पीछे | आगे....

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

    अनुक्रम

  1. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन का क्या अर्थ है? सामाजिक परिवर्तन के प्रमुख कारकों का उल्लेख कीजिए।
  2. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के भौगोलिक कारक की विवेचना कीजिए।
  3. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के जैवकीय कारक की विवेचना कीजिए।
  4. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के जनसंख्यात्मक कारक की विवेचना कीजिए।
  5. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के राजनैतिक तथा सेना सम्बन्धी कारक की विवेचना कीजिए।
  6. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन में महापुरुषों की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
  7. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के प्रौद्योगिकीय कारक की विवेचना कीजिए।
  8. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के आर्थिक कारक की विवेचना कीजिए।
  9. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के विचाराधारा सम्बन्धी कारक की विवेचना कीजिए।
  10. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के सांस्कृतिक कारक की विवेचना कीजिए।
  11. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के मनोवैज्ञानिक कारक की विवेचना कीजिए।
  12. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन की परिभाषा बताते हुए इसकी विशेषताएं लिखिए।
  13. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन की विशेषतायें बताइये।
  14. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन की प्रमुख प्रक्रियायें बताइये तथा सामाजिक परिवर्तन के कारणों (कारकों) का वर्णन कीजिए।
  15. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन में जैविकीय कारकों की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए।
  16. प्रश्न- माल्थस के सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  17. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के प्राकृतिक कारकों का वर्णन कीजिए। सामाजिक परिवर्तन के जनसंख्यात्मक कारकों व प्रणिशास्त्रीय कारकों का वर्णन कीजिए।
  18. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के जनसंख्यात्मक कारकों का वर्णन कीजिए।
  19. प्रश्न- प्राणिशास्त्रीय कारक और सामाजिक परिवर्तन की व्याख्या कीजिए।
  20. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन में जनसंख्यात्मक कारक के महत्व की समीक्षा कीजिए।
  21. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के आर्थिक कारक बताइये तथा आर्थिक कारकों के आधार पर मार्क्स के विचार प्रकट कीजिए?
  22. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन में आर्थिक कारकों से सम्बन्धित अन्य कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  23. प्रश्न- आर्थिक कारकों पर मार्क्स के विचार प्रस्तुत कीजिए।
  24. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन में प्रौद्योगिकीय कारकों की भूमिका की विवेचना कीजिए।
  25. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के सांस्कृतिक कारकों का वर्णन कीजिए। सांस्कृतिक विलम्बना या पश्चायन (Cultural Lag) के सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  26. प्रश्न- सांस्कृतिक विलम्बना या पश्चायन का सिद्धान्त प्रस्तुत कीजिए।
  27. प्रश्न- सामाजिक संरचना के विकास में सहायक तथा अवरोधक तत्त्वों को वर्णन कीजिए।
  28. प्रश्न- सामाजिक संरचना के विकास में असहायक तत्त्वों का वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- केन्द्र एवं परिरेखा के मध्य सम्बन्ध की विवेचना कीजिए।
  30. प्रश्न- प्रौद्योगिकी ने पारिवारिक जीवन को किस प्रकार प्रभावित व परिवर्तित किया है?
  31. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के विभिन्न स्वरूपों का वर्णन कीजिए।
  32. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन में सूचना प्रौद्योगिकी की क्या भूमिका है?
  33. प्रश्न- निम्नलिखित पुस्तकों के लेखकों के नाम लिखिए- (अ) आधुनिक भारत में सामाजिक परिवर्तन (ब) समाज
  34. प्रश्न- सूचना प्रौद्योगिकी एवं विकास के मध्य सम्बन्ध की विवेचना कीजिए।
  35. प्रश्न- सूचना तंत्र क्रान्ति के सामाजिक परिणामों की व्याख्या कीजिए।
  36. प्रश्न- जैविकीय कारक का अर्थ बताइये।
  37. प्रश्न- सामाजिक तथा सांस्कृतिक परिवर्तन में अन्तर बताइए।
  38. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के 'प्रौद्योगिकीय कारक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  39. प्रश्न- जनसंचार के प्रमुख माध्यम बताइये।
  40. प्रश्न- सूचना प्रौद्योगिकी की सामाजिक परिवर्तन में भूमिका बताइये।
  41. प्रश्न- सूचना प्रौद्योगिकी क्या है?
  42. प्रश्न- सामाजिक उद्विकास से आप क्या समझते हैं? सामाजिक उद्विकास के विभिन्न स्तरों का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- सामाजिक उद्विकास के विभिन्न स्तरों का वर्णन कीजिए।
  44. प्रश्न- भारत में सामाजिक उद्विकास के कारकों का वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- भारत में सामाजिक विकास से सम्बन्धित नीतियों का संचालन कैसे होता है?
  46. प्रश्न- विकास के अर्थ तथा प्रकृति को स्पष्ट कीजिए। बॉटोमोर के विचारों को लिखिये।
  47. प्रश्न- विकास के आर्थिक मापदण्डों की चर्चा कीजिए।
  48. प्रश्न- सामाजिक विकास के आयामों की चर्चा कीजिए।
  49. प्रश्न- सामाजिक प्रगति से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताएँ लिखिए।
  50. प्रश्न- सामाजिक प्रगति की सहायक दशाएँ कौन-कौन सी हैं?
  51. प्रश्न- सामाजिक प्रगति के मापदण्ड क्या हैं?
  52. प्रश्न- निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
  53. प्रश्न- क्रान्ति से आप क्या समझते हैं? क्रान्ति के कारण तथा परिणामों / दुष्परिणामों की विवेचना कीजिए |
  54. प्रश्न- सामाजिक उद्विकास एवं प्रगति में अन्तर बताइये।
  55. प्रश्न- सामाजिक उद्विकास की अवधारणा की व्याख्या कीजिए।
  56. प्रश्न- विकास के उपागम बताइए।
  57. प्रश्न- भारतीय समाज मे विकास की सतत् प्रक्रिया पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
  58. प्रश्न- मानव विकास क्या है?
  59. प्रश्न- सतत् विकास क्या है?
  60. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के चक्रीय सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  61. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन के रेखीय सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- वेबलन के सामाजिक परिवर्तन के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
  63. प्रश्न- मार्क्स के सामाजिक परिवर्तन के सिद्धान्त का उल्लेख कीजिए।
  64. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन क्या है? सामाजिक परिवर्तन के चक्रीय तथा रेखीय सिद्धान्तों में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
  65. प्रश्न- सांस्कृतिक विलम्बना के सिद्धान्त की समीक्षा कीजिये।
  66. प्रश्न- सांस्कृतिक विलम्बना के सिद्धान्त की आलोचना कीजिए।
  67. प्रश्न- अभिजात वर्ग के परिभ्रमण की अवधारणा क्या है?
  68. प्रश्न- विलफ्रेडे परेटो द्वारा सामाजिक परिवर्तन के चक्रीय सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
  69. प्रश्न- माल्थस के जनसंख्यात्मक सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  70. प्रश्न- आर्थिक निर्णायकवादी सिद्धान्त पर टिप्पणी लिखिए।
  71. प्रश्न- सामाजिक परिवर्तन का सोरोकिन का सिद्धान्त एवं उसके प्रमुख आधारों का वर्णन कीजिए।
  72. प्रश्न- ऑगबर्न के सांस्कृतिक विलम्बना के सिद्धान्त का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- चेतनात्मक (इन्द्रियपरक ) एवं भावात्मक ( विचारात्मक) संस्कृतियों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  74. प्रश्न- सैडलर के जनसंख्यात्मक सिद्धान्त पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  75. प्रश्न- हरबर्ट स्पेन्सर का प्राकृतिक प्रवरण का सिद्धान्त क्या है?
  76. प्रश्न- संस्कृतिकरण का अर्थ बताइये तथा संस्कृतिकरण में सहायक अवस्थाओं का वर्गीकरण कीजिए व संस्कृतिकरण की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
  77. प्रश्न- संस्कृतिकरण की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- संस्कृतिकरण की प्रमुख विशेषतायें बताइये। संस्कृतिकरण के साधन तथा भारत में संस्कृतिकरण के कारण उत्पन्न हुए सामाजिक परिवर्तनों का वर्णन करते हुए संस्कृतिकरण की संकल्पना के दोष बताइये।
  79. प्रश्न- भारत में संस्कृतिकरण के कारण होने वाले परिवर्तनों के विषय में बताइये।
  80. प्रश्न- संस्कृतिकरण की संकल्पना के दोष बताइये।
  81. प्रश्न- पश्चिमीकरण का अर्थ एवं परिभाषायें बताइये। पश्चिमीकरण की प्रमुख विशेषता बताइये तथा पश्चिमीकरण के लक्षण व परिणामों की विवेचना कीजिए।
  82. प्रश्न- पश्चिमीकरण के लक्षण व परिणाम बताइये।
  83. प्रश्न- पश्चिमीकरण ने भारतीय ग्रामीण समाज के किन क्षेत्रों को प्रभावित किया है?
  84. प्रश्न- आधुनिक भारत में सामाजिक परिवर्तन में संस्कृतिकरण एवं पश्चिमीकरण के योगदान का वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- संस्कृतिकरण में सहायक कारक बताइये।
  86. प्रश्न- समकालीन युग में संस्कृतिकरण की प्रक्रिया का स्वरूप स्पष्ट कीजिए।
  87. प्रश्न- पश्चिमीकरण सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया के रूप में स्पष्ट कीजिए।
  88. प्रश्न- जातीय संरचना में परिवर्तन किस प्रकार से होता है?
  89. प्रश्न- स्त्रियों की स्थिति में क्या-क्या परिवर्त हुए हैं?
  90. प्रश्न- विवाह की संस्था में क्या परिवर्तन हुए स्पष्ट कीजिए?
  91. प्रश्न- परिवार की स्थिति में होने वाले परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
  92. प्रश्न- सामाजिक रीति-रिवाजों में क्या परिवर्तन हुए वर्णन कीजिए?
  93. प्रश्न- अन्य क्षेत्रों में होने वाले परिवर्तनों की व्याख्या कीजिए।
  94. प्रश्न- आधुनिकीकरण के सम्बन्ध में विभिन्न समाजशास्त्रियों के विचार प्रकट कीजिए।
  95. प्रश्न- भारत में आधुनिकीकरण के मार्ग में आने वाली प्रमुख बाधाओं की व्याख्या कीजिए।
  96. प्रश्न- आधुनिकीकरण को परिभाषित करते हुए विभिन्न विद्वानों के अनुसार आधुनिकीकरण के तत्वों का वर्णन कीजिए।
  97. प्रश्न- डा. एम. एन. श्रीनिवास के अनुसार आधुनिकीकरण के तत्वों को बताइए।
  98. प्रश्न- डेनियल लर्नर के अनुसार आधुनिकीकरण की विशेषताओं को बताइए।
  99. प्रश्न- आइजनस्टैड के अनुसार, आधुनिकीकरण के तत्वों को समझाइये।
  100. प्रश्न- डा. योगेन्द्र सिंह के अनुसार आधुनिकीकरण के तत्वों को समझाइए।
  101. प्रश्न- ए. आर. देसाई के अनुसार आधुनिकीकरण के तत्वों को व्यक्त कीजिए।
  102. प्रश्न- आधुनिकीकरण का अर्थ तथा परिभाषा बताइये? भारत में आधुनिकीकरण के लक्षण बताइये।
  103. प्रश्न- आधुनिकीकरण के प्रमुख लक्षण बताइये।
  104. प्रश्न- भारतीय समाज पर आधुनिकीकरण के प्रभाव की व्याख्या कीजिए।
  105. प्रश्न- लौकिकीकरण का अर्थ, परिभाषा व तत्व बताइये। लौकिकीकरण के कारण तथा प्रभावों का वर्णन कीजिए।
  106. प्रश्न- लौकिकीकरण के प्रमुख कारण बताइये।
  107. प्रश्न- धर्मनिरपेक्षता क्या है? धर्मनिरपेक्षता के मुख्य कारकों का वर्णन कीजिये।
  108. प्रश्न- वैश्वीकरण क्या है? वैश्वीकरण की सामाजिक सांस्कृतिक प्रतिक्रिया की व्याख्या कीजिए।
  109. प्रश्न- भारत पर वैश्वीकरण और उदारीकरण के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक व्यवस्था पर प्रभावों का वर्णन कीजिए।
  110. प्रश्न- भारत में वैश्वीकरण की कौन-कौन सी चुनौतियाँ हैं? वर्णन कीजिए।
  111. प्रश्न- निम्नलिखित शीर्षकों पर टिप्पणी लिखिये - 1. वैश्वीकरण और कल्याणकारी राज्य, 2. वैश्वीकरण पर तर्क-वितर्क, 3. वैश्वीकरण की विशेषताएँ।
  112. प्रश्न- निम्नलिखित शीर्षकों पर टिप्पणी लिखिये - 1. संकीर्णता / संकीर्णीकरण / स्थानीयकरण 2. सार्वभौमिकरण।
  113. प्रश्न- संस्कृतिकरण के कारकों का वर्णन कीजिये।
  114. प्रश्न- भारत में आधुनिकीकरण के किन्हीं दो दुष्परिणामों की विवचेना कीजिए।
  115. प्रश्न- आधुनिकता एवं आधुनिकीकरण में अन्तर बताइए।
  116. प्रश्न- एक प्रक्रिया के रूप में आधुनिकीकरण की विशेषताएँ लिखिए।
  117. प्रश्न- आधुनिकीकरण की हालवर्न तथा पाई की परिभाषा दीजिए।
  118. प्रश्न- भारत में आधुनिकीकरण की व्याख्या कीजिए।
  119. प्रश्न- भारत में आधुनिकीकरण के दुष्परिणाम बताइये।
  120. प्रश्न- सामाजिक आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? सामाजिक आन्दोलन का अध्ययन किस-किस प्रकार से किया जा सकता है?
  121. प्रश्न- सामाजिक आन्दोलन का अध्ययन किस-किस प्रकार से किया जा सकता है?
  122. प्रश्न- सामाजिक आन्दोलन के गुणों की व्याख्या कीजिये।
  123. प्रश्न- सामाजिक आन्दोलन के सामाजिक आधार की विवेचना कीजिये।
  124. प्रश्न- सामाजिक आन्दोलन को परिभाषित कीजिये। भारत मे सामाजिक आन्दोलन के कारणों एवं परिणामों का वर्णन कीजिये।
  125. प्रश्न- "सामाजिक आन्दोलन और सामूहिक व्यवहार" के सम्बन्धों को समझाइये |
  126. प्रश्न- लोकतन्त्र में सामाजिक आन्दोलन की भूमिका को स्पष्ट कीजिये।
  127. प्रश्न- सामाजिक आन्दोलनों का एक उपयुक्त वर्गीकरण प्रस्तुत करिये। इसके लिये भारत में हुए समकालीन आन्दोलनों के उदाहरण दीजिये।
  128. प्रश्न- सामाजिक आन्दोलन के तत्व कौन-कौन से हैं?
  129. प्रश्न- सामाजिक आन्दोलन के विकास के चरण अथवा अवस्थाओं को बताइये।
  130. प्रश्न- सामाजिक आन्दोलन के उत्तरदायी कारणों पर प्रकाश डालिये।
  131. प्रश्न- सामाजिक आन्दोलन के विभिन्न सिद्धान्तों का सविस्तार वर्णन कीजिए।
  132. प्रश्न- "क्या विचारधारा किसी सामाजिक आन्दोलन का एक अत्यावश्यक अवयव है?" समझाइए।
  133. प्रश्न- सर्वोदय आन्दोलन पर टिप्पणी लिखिए।
  134. प्रश्न- सर्वोदय का प्रारम्भ कब से हुआ?
  135. प्रश्न- सर्वोदय के प्रमुख तत्त्व क्या है?
  136. प्रश्न- भारत में नक्सली आन्दोलन का मूल्यांकन कीजिए।
  137. प्रश्न- भारत में नक्सली आन्दोलन कब प्रारम्भ हुआ? इसके स्वरूपों का वर्णन कीजिए।
  138. प्रश्न- नक्सली आन्दोलन के प्रकोप पर प्रकाश डालिए।
  139. प्रश्न- नक्सली आन्दोलन की क्या-क्या माँगे हैं?
  140. प्रश्न- नक्सली आन्दोलन की विचारधारा कैसी है?
  141. प्रश्न- नक्सली आन्दोलन का नवीन प्रेरणा के स्रोत बताइये।
  142. प्रश्न- नक्सली आन्दोलन का राजनीतिक स्वरूप बताइये।
  143. प्रश्न- आतंकवाद के रूप में नक्सली आन्दोलन का वर्णन कीजिए।
  144. प्रश्न- भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन पर एक निबन्ध लिखिए।
  145. प्रश्न- "प्रतिक्रियावादी आंदोलन" से आप क्या समझते हैं?
  146. प्रश्न - रेनांसा के सामाजिक सुधार पर प्रकाश डालिए।
  147. प्रश्न- 'सम्पूर्ण क्रान्ति' की संक्षेप में विवेचना कीजिए।
  148. प्रश्न- प्रतिक्रियावादी आन्दोलन से आप क्या समझते हैं?
  149. प्रश्न- सामाजिक आन्दोलन के संदर्भ में राजनीति की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
  150. प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन में सरदार वल्लभ पटेल की भूमिका की संक्षेप में विवेचना कीजिए।
  151. प्रश्न- "प्रतिरोधी आन्दोलन" पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  152. प्रश्न- उत्तर प्रदेश के किसी एक कृषक आन्दोलन की विवेचना कीजिए।
  153. प्रश्न- कृषक आन्दोलन क्या है? भारत में किसी एक कृषक आन्दोलन की विवेचना कीजिये।
  154. प्रश्न- श्रम आन्दोलन की आधुनिक प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालिए।
  155. प्रश्न- भारत में मजदूर आन्दोलन के उद्भव एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
  156. प्रश्न- 'दलित आन्दोलन' के बारे में अम्बेडकर के विचारों की विश्लेषणात्मक व्याख्या कीजिए।
  157. प्रश्न- भारत में दलित आन्दोलन के लिये उत्तरदायी प्रमुख कारकों की विवेचना कीजिये।
  158. प्रश्न- महिला आन्दोलन से क्या तात्पर्य है? भारत में महिला आन्दोलन के लिये उत्तरदायी प्रमुख कारणों की विवेचना कीजिये।
  159. प्रश्न- पर्यावरण संरक्षण के लिए सामाजिक आन्दोलनों पर एक लेख लिखिये।
  160. प्रश्न- "पर्यावरणीय आंदोलन" के सामाजिक प्रभावों का उल्लेख कीजिए।
  161. प्रश्न- भारत में सामाजिक परिवर्तन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी कीजिये। -
  162. प्रश्न- कृषक आन्दोलन के प्रमुख कारणों की व्याख्या कीजिए।
  163. प्रश्न- श्रम आन्दोलन के क्या कारण हैं?
  164. प्रश्न- 'दलित आन्दोलन' से आप क्या समझते हैं?
  165. प्रश्न- पर्यावरणीय आन्दोलनों के सामाजिक महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
  166. प्रश्न- पर्यावरणीय आन्दोलन के सामाजिक प्रभाव क्या हैं?

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book